Atal...Poem

'होकर स्वतंत्र मैंने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
मैंने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम।"
गोपाल-राम के नामों पर कब मैने अत्याचार किया ?
कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर में नरसंहार किया ?
कोई बतलाए काबुल मे जा कर कितनी मस्जिद तोडी
भू भाग नही शत शत मानव के हदय जीतने का निश्चय
हिन्दु तन-मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय ।।

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